अब आएगा मज़ा
लो भइया अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी महिला सत्तात्मक समाज की नींव डाल दी है। अरे पुरुषों अब तो चेतो और महिलाओ को उनके अधिकार देने में कोताही न बरतो नही तो वह दिन दूर नही , जब हम उनसे अपने अधिकारों की बात करेंगे तो , वे भी हमारे साथ वैसा ही बर्ताव करेंगी, जैसा आज हम कर रहे है।
अब इस दोखे से बाहर आइये और देखिये आज की महिला को अपना जीवन यापन कराने के लिए पुरुषों की ज़रूरत नही है आज ये पूरे विश्वास के साथ अपनी सफलता की राह में आगे बढ रही है । आज ये अपनी मंजिले ख़ुद अपने बूते पर पा रही है । इन्हे कोई जरूरत नही है की कोई इनकी मदद को आगे आए ।
इनके आत्मविश्वास की बानगी तो देखिये की पिछले हफ्ते में दो लड़कियों ने अपनी बाराते वापस लौटा दी। एक ने ज्यादा दहेज़ की मांग पर बारातियों को बिना दुल्हन के विदा किया तो दूसरी ने दुल्हे के शराब पीने पर उन्हें बैरंग वापस कर दिया। अरे मर्दों चेत जाओ एक तो जनसँख्या में वे कम है , और अगर ये इसी तरह अपनी बरते लौटती रही तो जिन्दगी भर कुवारे रह जाओगे।
ऐसा नही है की लड़की द्वारा बारात लौटाए जाने की ये घटनाएं पहली बार हुई है। बेशक ऐसा पहले भी हो चुका है , लेकिन अबकी बात दूसरी है । अबकी तो सुप्रीम कोर्ट भी उनके साथ आकार खड़ा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने तो ये बात समझ ली है, की आने वाला समय महिलाओ का है । इसिलए वह महिलाओ के साथ खड़ा हो गया है।
आप कब समझेंगे?
2 Comments:
beware women are on top
aap ne bilkul sach kaha hai .
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