अपनी धुन

मेरा मन कहता है

Monday, September 7, 2009

कही ये एक और वी.आर.एस. तो नही





जी हाँ , कहीं ये एक और वी.आर.एस.की तैयारी तो नहीं की जा रही है , कि इतने सीनियर और महान खिलाड़ी को एक मौका मिलना चाहिए , ताकि वो सम्मानजनक तरीके से अपनी विदाई ले सके , जिस क्रिकेटर ने एक दिवसीय मैचों में १०,००० से भी ज्यादा रन बनाये हों , उसे एक और मौका मिलना ही चाहिए ,श्री लंका दौरे के साथ चैम्पियंस ट्रोफी के लिए राहुल द्रविड़ का टीम में अचानक सेलेक्ट हो जाना कही चयनकर्ताओं कि इसी सोच का नतीजा तो नही है


सौरव गांगुली के मामले में भी यही किया गया था, पहले अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें बहार का रास्ता दिखाया गया , क्रिकेट प्रेमियों के इस फैसले के प्रति विरोध जताने पर उन्हें टीम में इस शर्त पर लाया गया कि ,वे इस सीरिज के बाद संन्यास ले लेंगे और सौरव ने बाद में ऐसा ही किया।


लेकिन द्रविड़ का मामला थोड़ा अलग है , उनके लिए क्रिकेट प्रेमियों ने कोई प्रदर्शन नही किया , उन्होंने अपने प्रदर्शन के बूते ही टीम में दुबारा जगह बनाई। टीम में जगह गांगुली ने भी अपने प्रदर्शन से ही बनाई थी ,लेकिन उन्हें दर्शकों का जो समर्थन मिला था वो भी कम महत्वपूर्ण नही था उनकी वापसी में, पर द्रविड़ के साथ ऐसा नहीं हैं। जहाँ गांगुली कि वापसी के बाद दर्शकों ने जश्न मनाया था , वाही द्रविड़ को वापस बुलाने पर काफी लोगो ने ये , कहकर रोष व्यक्त किया कि यह फ़ैसला टीम को पीछे ले जाएगा


जबकि द्रविड़ वापसी के वक्त सौरव के उस फार्म से बेहतर फार्म में है। जब सौरव को टीम में लिया गया था


गांगुली और द्रविड़ की वापसी में एक अन्तर है , यदि द्रविड़ अच्छा प्रदर्शन करते है तो वे आगे खेल सकेंगे क्योंकि हाल-फिलहाल टीम इंडिया कि यूथ ब्रिगेड में कोई भी ऐसा प्रदर्शन नहीं कर रहा है , कि ये कहा जाय कि टीम को उनकी ज़रूरत नहीं है जबकि गांगुली के मामले में ऐसा नहीं था , गंभीर के रूप में इंडिया को दूसरा सौरव तो मिल गया, लेकिन द्रविड़ के विकल्प के रूप में अजमा गए खिलाड़ी - रैना, रोहित शर्मा यहाँ तक कि कप्तान धोनी भी . पर द्रविड़ के स्थान को नहीं भर पाए,द्रविड़ के टीम में वापस आने की एक वजह इन खिलाड़ियों का . पर बुरी तरह असफल रहना भी है


असल मुद्दा है कि द्रविड़ के लिए टीम में जगह कौन खाली करेगा , मेरे हिसाब से इसके लिए सबसे योग्य खिलाड़ी रोहित शर्मा है, जिन्होंने I.P.L.के अतिरिक्त अपनी प्रतिभा का कोई विशेष प्रदर्शन नहीं किया , कभी - तो लगता है कि , ये खिलाड़ी अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट खेल ही नहीं सकता ,तभी तो I.P.L. में आल-राउंडर दिखने वाला ये खिलाड़ी इंटरनेशनल में बल्लेबाजी ही भूल जाता है


इस वक्त तो रोहित ही द्रविड़ के लिए जगह खाली करते दिख रहे है, लेकिन आखिरी फ़ैसला तो धोनी ने ही करना है

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