अपनी धुन

मेरा मन कहता है

Tuesday, September 8, 2009

ह-एकम न-एकम



नाम देखकर आपने ये जरूर सोचा होगा , 'ह-एकम न-एकम 'क्या बला है मई बताता हूँ , ये 'H-1 N-1 'का हिन्दी रूपांतरण है। मेरे हिसाब से हिन्दी के विद्वत जनो की इस पर क्या राय है ,इससे मै अनभिग्य हूँ , परन्तु उनकी सी पर राय क्या है , ये मै जानना जरूर चाहूँगा ।


'H-1 N-1' अगर आप भूले न हो तो आपको याद ही होगा की ये स्वाइन फ्लू के वायरस का नाम है , जिस पर इतना हल्ला मचा की आम आदमी खौफ से पागल हो उठा , जब तक मीडिया में इसकी खबरे आती रही लोग मास्क पहनते रहे । अब मीडिया हमें नही डरा रहा ,तो हम डर भी नही रहे है। खैर जो भी हो कम से कम ये बला तो सर से हटी।

मुझे ते अब तक समझ में नही आया की ये बीमारिया गोरो से ही क्यो फैलती है। कभी -२ तो लगता है की, इस गोरी नस्ल का नाम ही "रोग उत्पादन केन्द्र " रख देना चाहिए , कैसी-२ बीमारिया ले आते है, बंदरों से ऐड्स ले आए , तो मुर्गो से बर्ड फ्लू , और अब स्वाइन फ्लू , अभी कुछ दिन पहले यू.एस. से रिपोर्ट बी ओ ,बी चलिए और स्वाइन फ्लू के वायरस आपस में मिलाप कर सकते है, अब ये गोरे नयी मुसीबत खड़ी कर रहे है , ये दुनिया को चैन से जीने नही देंगे, पता नही कब सुधरेंगे ।

हाई प्रोटीन मांस बनने के लिए जेनेटिक इंजिनीअरिंग करते है, हाई प्रोटीन तो नही हाई रिस्क मांस जरूर तैयार कर देंगे और जब ये हाई प्रोटीन खाना खाकर मरने लगेंगे तो चिल्लायेंगे की बचाओ देखो हमें ये मार रहा है,पर कोई क्यो सुने हाई प्रोटीन खाने से पहले पुछा था क्या ? न सुनो तो साड़ी दुनिया में घूम -२ बांटना शुरू कर देंगे। पूरी दुनिया में फैलाकर ही मानेंगे। हे भगवन ! ये गोरे कब सुधरेंगे ?कब बंद करेगे दुनिया को परेशां करना ?

ये कब सुधरेंगे ये तो पता नही, पर मै तो चला स्वाइन फ्लू का मंत्र पढ़कर उसकी पूजा करने की कही फ़िर से वापस आकर मुझे ही न दबोच ले ह-एकम न-एकम...........................



1 Comments:

At September 10, 2009 at 2:05 AM , Blogger Saiyed Faiz Hasnain said...

Wah Mere Shaer Wah Shayad Aap Pahle Vyakti Honge Jisne Is Beemaari KO Is Nazariye Se Dekha Hoga ..............Sunder Post

 

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