अपनी धुन

मेरा मन कहता है

Thursday, May 3, 2012

टाइम कम है

कभी -कभी ऐसा क्यों लगता है, कि सब कुछ  हमारे बस  के बाहर है, हमारी जिंदगी की सबसे ज़रूरी चीजे हमसे दूर होती जा रही है . और हम उन्हें सहेजने के लिए कुछ  भी नहीं कर पा रहे है . क्यों बस  ये पता नहीं चल  सोचता हूँ, तो पता चलता है कि , वही वक़्त  की कमी. जिससे भी बात  करो  यार टाइम  कम  है। मुझे कभी ऐसा नहीं लगा की मै  किसी से नहीं मिल  सकता , क्योकि  मेरे पास  वक़्त  नहीं है। अगर कोई  मुझसे मिलना चाहे मेरे वो दोस्त  जो यहाँ इसी शहर में रहते है। मै  मिल  सकता  हूँ, अगर वो चाहे तो , लेकिन  उनके पास  टाइम  ही  नहीं  है। क्या मेरे वो दोस्त  सुन  रहे है , या पढ़ रहे है , या शायद  अब  हमारे  रिश्तो में वो  गर्माहट ही  नहीं रही। टाइम  का बहाना बनाने वालो मै तो सीधा आरोप लगाता हू , हाँ  तुम  नहीं मिलना चाहते हमसे यार नौकरी तो हम  भी करते  है, तुम्हारे  ही शहर में 
क्या  अब भी कहोगे टाइम  कम  है।