मै अपने पिता से नफरत करता हूँ लेकिन
आज मै अपने पिता के बारे में कुछ कहना चाहता हूँ। वास्तविकता में मै कभी उनसे नफरत किया करता था। क्योकि वो बहुत ज्यादा प्रतिभा रखने वाले व्यक्ति व्यक्ति है , लेकिन फिर भी वे असफल है , मुझे ये कहने में कोई संकोच नही है की , मैंने उनसे ज्यादा प्रतिभाशाली और असफल इन्सान अपनी अभी तक की जिन्दगी में नही देखा , इस्लिय्ये मै उनसे नफरत करता हूँ ,क्योकि उन्होंने अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल नही किया। ईश्वर की दी हुयी प्रतिभा का सही उपयोग न करने वाले इन्सान से कोई नफरत के अलावा और कर भी क्या सकता है ।
लेकिन मै अपने पिता से प्यार करता हूँ , उनकी बातो और तर्कों का मै कायल रहा हूँ । अभी कुछ दिनों पहले की बात है जब मै और मेरे पापा आपस में बहस करने बैठे तो , अचानक ही उन्होंने ने कहा की किसी भी इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन कौन होता है ? मैंने कहा - "मै नही जनता आप ही बताइए।" इस पर उन्होंने कहा -"उसका अपना बेटा ही उसका सबसे बड़ा दुश्मन होता है।" ये बात सुनते ही ,मेरे दिमाग का फ्यूज ही उड़ गया, मेरी कुछ समझ में ही नही आया कि, ये क्या बात हुयी कि एक पिता का सबसे बड़ा दुश्मन उसका बेटा कैसे हो सकता है। काफी देर तक दिमाग चलने के बाद भी मुझे ऐसी बात का कोई ठोस कारण समझ में नही आया । तो मैंने उनसे ही पूछ लिया -"कैसे "। मुझे पता था कि मेरे इस सवाल का जवाब भी मेरे पापा मुझे देंगे , क्योकि उनके पास मेरे हर सवाल का जवाब होता है ।
आप जानते है उन्होंने मेरे सवाल का क्या जवाब दिया , चलिए मै बताता हूँ। उन्होंने कहा -"जब तुम दो महीने के थे , तब मैंने जब अपनी पत्नीयानि कि तुम्हारी माँ से एक गिलास पानी पीने के लिए माँगा उसी वक्त तुमने मैला कर दिया , पहले तुम्हारा मैला साफ किया गया उसके बाद मुझे पानी पीने के लिए मिला मैंने सोचा कि , ये देखो मेरी प्यास से ज्यादा इसके मैले की अहमियत हो गई है , और यह हर इंसान के साथ होता है, इसलिए एक इन्सान का सबसे बड़ा दुश्मन उसका बेटा होता है , बेटे का मैला साफ किया जा रहा है और बाप को पानी नही मिल रहा है।"
अब इसमे कम से कम मुझे तो कुछ ग़लत नही लगा । यही कारण है की, आई लव माय फादर क्योकि उनके पास मेरे हर सवाल का जवाब रहता है। इसीलिए मै पूरे गर्व से कहता हूँ। मेरे पिता चाहे जैसे है लेकिन मेरी नज़र में वे दुनिया के सबसे अच्छे पिता है।