अपनी धुन

मेरा मन कहता है

Monday, November 22, 2010

जहां और भी हैं

लोग कहते हैं कि, जहां और भी हैं
मगर अपनी बात, और कुछ है
सिर्फ वो है मेरी दुनिया में या कुछ और भी है
वक्त लगेगा सोचने में
सिर्फ वो है या जहां और भी है
कल तक हुयी थी जो बातें
उनके सिले और भी है
या बस यूं ही कहा था तुमने
कि तेरा जहां बस मै हूँ
तेरा तो बस तू ही जाने
मेरा दिल ये कहता है कि
झूठे है लोग जो कहते हैं
कि जहां और भी हैं

Saturday, November 20, 2010

तेरे जाने के बाद

वक़्त- बेवक्त छलक जाती हैं आँखें,
तेरे जाने के बाद,
लम्हा-लम्हा आती हैं तेरी याद,
तेरे जाने के बाद,
सोचा न था इतने सुनसान हो जायेंगे दिन,
तेरे जाने के बाद,
सताती हैं यादें तेरे साथ गुज़रे पलों की,
तेरे जाने के बाद,
हुआ है एहसास तेरी शिकायतों का,
तेरे जाने के बाद,
बिन रास्ते के ठहर गई है जिंदगी,
तेरे जाने के बाद,
जब हँसा था तेरी बातों पर,
तो कहा था तुमने बहुत तरसोगे सजन,
मेरे जाने के बाद,
सच ही तो है कितना तरसा हूँ,
तेरे जाने के बाद,
वक़्त - बेवक्त छलक जाती हैं आँखें,
तेरे जाने के बाद.

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Friday, November 19, 2010

कभी तो आओ उजालों में

वो तुम थे या तुम्हारा एहसास,
कल रात तुम थे या था तुम्हारा ख्वाब,
कल रात तुम ही तो थे मेरे साथ,
काश कभी तुम मेरे साथ आते,
दिन के उजालों में जब मै होता हूँ होश में,
पर तुम तो आते हो मिलने हर रात में,
जब सो जाता हूँ और मिलता हूँ रात में,
और चले जाते हो सूरज के आते ही,
रह जाती है हर बात अधूरी,

क्योकि सपनो में बाते होती नहीं पूरी,
इसलिए तो कहता हूँ आओ कभी दिन के उजालों में,
क्योकि करनी है हर बात पूरी,
जो रात में रह जाती है अधूरी,